Mirza ghalib ki sher o shayri In Hindi । मिर्ज़ा गालिब कि शायरी हिंदी में ,
हिंदी शायरी मिर्ज़ा गालिब कि ,
Mirza Ghalib ki shayri ,मिर्ज़ा गालिब कि शानदार शेर ओ शायरी हिंदी में ,
#1- हमेशा के लिये रख लो ना मुझे करिब
कोई पुछे तो कह देना किरायेदार हे दिल का ,
#2- ना हक दो इतना कि तकलीफ़ हो तुम्हें
ना वक़्त दो इतना कि गु्रुर हो उन्हें ,
बिछडने का दुख तो बहुत हे पर , अब मिलने कि चाहत भी नही हे ,
किजिए अपनी निगाहो को एक चेहरे पर पाबंद ,
हर सुरत पर लुट जाना ,
तोहिन ए वफा होती हे ,
ना मेरे लिखते ना दुनिया के लिये लिखते ,
कमबख्त गालिब जिंदा होते तो आज सिर्फ तुम्हारे लिये लिखते ,
#मिर्ज़ागालिब शायरी हिंदी में
वक्त आने दो मिलने को क्या ,
देखने को भी तरस जाओगे ,
##~ केसे देदु बदुआ उसे ,
इकलौती दुआ थे कभी मेरे ,
##~ कुछ भी झूठ हो सकता हे
मगर अकेले में बहाये आंसू नहीं ,
मिर्ज़ा गालिब शायरी हिंदी में -
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