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हिंदी कवि कुमार विश्वास कि शानदार कविताओं से ली गई कुछ पंक्तियां जो शायरी चलन में हे ,

कुमार विश्वास कि शानदार कविताएं ओर शायरी पुरे विश्व में फेमस हे, जहाँ  भी  आजकल हिंदी कि बात होती हे तो इस नाम को जरुर याद किया जाता हे,



कुमार विश्वास कि कुछ कविताओं से बनी पंक्तियों को पड़ते हे जो शायरी बन चुकी हे ,

कुमार विश्वास शायरी हिंदी में 


##01~ कोई दिवाना कहता हे , कोई आवारा कहता हे 
  मगर धरती कि बेचेनि को बस बादल समझता हे, 
तु मुझसे दुर केसी हे , में तुझसे दुर केसा हु ,
यह सिर्फ मेंरा दिल समझता हे या सिर्फ तेरा दिल समझता हे , 

##02~ तुम्हीं पे मरता है ये दिल, अदावत क्यों नहीं करता
कई जन्मों से बंदी है, बगावत क्यों नहीं करता

##03~ तुम बिना हथेली की हर लकीर प्यासी है,
तीर पार कान्हा से दूर राधिका सी है 

कुमार विश्वास शायरी हिंदी में ,

##04~ क़ोशिशें मुझको मिटाने की मुबारक़ हों मगर
मिटते-मिटते भी मैं मिटने का मज़ा ले जाऊँगा 

##05- भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
अभी तक डूबकर सुनते थे सब किस्सा मुहब्बत का
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा 

"विश्वास कुमार कि शानदार शायरी ओर कविताएं " 

##06- पनाहों में जो आया हो, उस पर वार क्या करना
 जो दिल हारा हुआ हो, 
 उस पे फिर से अधिकार क्या करना

 मोहब्बत का मज़ा तो, 
 डूबने की कशमकश में है.
 जो हो मालूम गहरायी, तो दरिया पार क्या करना. 

007 ~ मेरे जीने मरने में, 
  तुम्हारा नाम आएगा.

  मैं सांस रोक लू फिर भी, 
  यही इलज़ाम आएगा.

  हर एक धड़कन में जब तुम हो, 
  तो फिर अपराध क्या मेरा,

  अगर राधा पुकारेंगी, 
  तो घनश्याम आएगा.  

##08- तुझ को गुरुर ए हुस्न है 
  मुझ को सुरूर ए फ़न.

  दोनों को खुद पसंदगी की 
  लत बुरी भी है.

   तुझ में छुपा के खुद को 
   मैं रख दूँ मग़र मुझे.

   कुछ रख के भूल जाने की 
  आदत बुरी भी है.

कुमार विश्वास शायरी हिंदी में ,
##08~ तुम्हारा ख़्वाब जैसे ग़म को अपनाने से डरता है
   हमारी आखँ का आँसूं , ख़ुशी पाने से डरता है

  अज़ब है लज़्ज़ते ग़म भी, जो मेरा दिल अभी कल तक़
   तेरे जाने से डरता था वो अब आने से डरता है.  

##09- घर से निकला हूँ तो निकला है घर भी साथ मेरे
देखना ये है कि मंज़िल पे कौन पहुँचेगा
मेरी कश्ती में भँवर बाँध के दुनिया ख़ुश है
दुनिया देखेगी कि साहिल पे कौन पहुँचेगा।
(kumar vishwas shayari in hindi )

##10~  स्वंय से दूर हो तुम भी स्वंय से दूर है हम भी
बहुत मशहूर हो तुम भी बहुत मशहूर है हम भी
बड़े मगरूर हो तुम भी बड़े मगरूर है हम भी
अतः मजबूर हो तुम भी अतः मजबूर है हम भी

(kumar vishwas  shayari in hindi ,

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